Thursday, 16 May 2013

हम प्रेम नगर की बंजारिन, जप-ताप और साधन क्या जानेँ, हम श्याम के नाम की दिवानी, व्रत नेम के बंधन क्या जाने, हम ब्रज की भोरी ग्वारनिया हम ज्ञान की उलझन क्या जानेँ, ये प्रेम की बातेँ हैँ उध्दो,कोई क्या समझे,कोई क्या जानेँ, मेरे और मोहन की बातें, या मैँ जानूँ या वो जानेँ जय जय श्री राधे कृष्णा


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